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कान्हा खो गया

कान्हा खो गया दिल मेरा तेरे वृंदावन मे

तेरी मुरली की धुन जो बजती है,
सारी गोपियों को प्यारी लगती है ।
कैसा जादू भरा इन तानों मे,
कान्हा खो गया दिल मेरा तेरे वृंदावन मे ॥

तेरी जमुना की निर्मल धारा है,
सभी पापियों को इस ने तारा है ।
कैसा जादू भरा इन लेहरो मे,
कान्हा खो गया दिल मेरा तेरे वृंदावन मे ॥

तेरे मंदिरों मे चेन मिलता है,
फूल मुरझाया फ़िर से खिलता है ।
कैसा जादू भरा इन नेनो मे,
कान्हा खो गया दिल मेरा तेरे वृंदावन मे ………,

मुझे सोने नहीं देती श्याम तेरी यादे,
आँखों आँखों में ही कट जाती है राते,

याद आती है संवरी सूरत नैना हो कजरारे,
वो कंधे पे सुनहरी भागा हम जिस पर दिल हारे,
तेरे बिना पल कट ते नहीं है काटे,
आँखों आँखों में ही कट जाती है राते,

ओ कानो के कुण्डल प्यारे गल वैजयंती माला,
मुकट विराजे सिर सोने का जिसका तेज निराला,
उसकी किरपा की मैं चहु रोज बरसाते,
आँखों आँखों में ही कट जाती है राते,

कभी कभी ऐसा लागे सामने है वो मेरे,
चाहे दूर लगाए बैठा है खाटू में डेरे,
आंखे बंद जो करू तो बाबा दिख जाते,
आँखों आँखों में ही कट जाती है राते……….

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