एक बार की बात है सीमा नाम की एक महिला थी। उसकी एक सास थी जिसका नाम रमा था। जो की बहुत खर्चीली थी। सीमा जहाँ बचत पर जोर देती थी वही उसकी सास कोई बचत नहीं करती और बेफजूल खर्च करती थी।
एक बार सीमा ने अपनी सास को कुछ पैसे रखने के लिए दिए जिसको वह अगले दिन बैंक में जमा करवाने वाली थी। उसकी सास उन पैसों से बाज़ार से अपने लिए कपड़े लेकर आ गयी।
अगले दिन जब सीमा ने अपनी सास से पैसे मांगे तो सास ने बताया वह तो उसने खर्च कर दिए है। उसने सीमा को कहा बचत करने की कोई जरुरत नहीं है। जिंदगी को अच्छे से जीना चाहिए। सीमा अपनी सास को बेफजूल घर की लाइट जलाने से मना करती थी।
जो की उसकी सास को बिलकुल पसंद नहीं था। वह इन बातों पर अपनी बहू सीमा को डॉट देती थी। इसके बाद सीमा ने भी निर्णय कर लिया की वह अपनी सास को रोकेगी नहीं। सीमा ने इसके बाद अपनी सास के कमरे का बल्ब लाकर बदल दिया।
सास के पूछने पर सीमा ने कहा की अब वह जितना चाहे उतनी लाइट जला सकती है। एक दिन सीमा की सास को पकोड़े खाने की इच्छा हुई। उसने सीमा को पैसे देकर कहा की जाकर राजू हलवाई की दूकान से पकोड़े ले आए।
कुछ देर में सीमा अपनी सास को पकोड़े लाकर देती है जो उसको बहुत पसंद आते है। इसी तरह दिन बीते जा रहे थे और सीमा ने अपनी सास को फिजूल खर्ची पर टोकना बंद कर दिया था। एक दिन सीमा की सास बीमार हो गयी।
उसको जब हॉस्पिटल में भर्ती कराया तो डॉक्टर ने एक बड़ी बीमारी बता कर शहर के हॉस्पिटल में रेफर करने को कहा। जब सीमा के पति ने डॉक्टर से इसका खर्च पूछा तो डॉक्टर ने 2 लाख बताया।
यह सुनकर सीमा का पति और उसकी सास बहुत दुखी हो गए की इतने पैसे हम कहा से लाएंगे। लेकिन सीमा ने डॉक्टर को अपनी सास को शहर के डॉक्टर को रेफर करने को कहा। जिससे उसके पति और सास हैरान हो गए।
सीमा ने बताया की यह पैसे उसने घर खर्च में से बचत करके जोड़े है। इसके बाद कुछ दिनों बाद सीमा की सास शहर में से अपना इलाज करा कर आ गयी। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ थी।
उसने आकर सीमा से पूछा की तूने इतने पैसे कैसे जोड़े मै तो तुझे बचत करते समय हमेशा मना करती थी।
सीमा ने बताया की मैने सारे घर में कम बिजली प्रयोग करने वाले बल्ब लगाए और जब भी आप मुझे बाहर से पकोड़े लाने को कहती थी तो मै घर पर ही आपको पकोड़े बना कर खिलाती थी। उसने सीमा की बहुत तारीफ की और खुद भी आगे से पैसे बचाने का निर्णय लिया।
Moral of the story
सीख : इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें फिजूलखर्ची से बचकर पैसे का सही इस्तेमाल करना चाहिए।
Translate into English
Once upon a time there was a woman named Seema. She had a mother-in-law named Rama. Which was very expensive. Where Seema used to insist on saving, her mother-in-law did not save any and used to spend unnecessarily.
Once Seema gave her mother-in-law some money to keep which she was going to deposit in the bank the next day. Her mother-in-law brought her clothes from the market with that money.
The next day when Seema asked for money from her mother-in-law, the mother-in-law told that she has spent it. He told Seema there is no need to save. Life should be lived well. Seema used to forbid her mother-in-law to light the house light unnecessarily.
Which her mother-in-law didn’t like at all. She used to dot her daughter-in-law Seema on these things. After this, Seema also decided that she would not stop her mother-in-law. Seema then changed the bulb of her mother-in-law’s room by bringing it.
On the question of mother-in-law, Seema said that now she can light as many lights as she wants. One day Seema’s mother-in-law had a desire to eat pakoras. He paid Seema to Raju confectionery Brought pakoras from.
After some time Seema brings pakoras to her mother-in-law which she likes very much. Days were passing like this and Seema had stopped interrupting her mother-in-law at frivolous expenses. One day Seema’s mother-in-law fell ill.
When he was admitted to the hospital, the doctor told him to refer him to the city hospital after telling him a major illness. When Seema’s husband asked the doctor about its cost, the doctor said 2 lakhs.
Hearing this, Seema’s husband and her mother-in-law became very sad that from where will we get so much money. But Seema asks the doctor to refer her mother-in-law to the city doctor. Due to which her husband and mother-in-law were surprised.
Seema told that she has added this money by saving from the house expenses. After this, a few days later, Seema’s mother-in-law came from the city after getting her treatment. Now she was completely healthy.
She came and asked Seema that how did you add so much money, I used to always refuse you while saving.
Seema told that I installed low power bulbs in the whole house and whenever you used to ask me to bring pakoras from outside, I used to make and feed you pakoras at home. He praised Seema very much and decided to save money from the front itself.