किया बड़ा उपकार वाले ने,
नैया लगा दी पार मुरली वाले ने,
श्रधा से जिसने फेलाया है दामन,
भर दीये भण्डार मुरली वाले ने
जब जब भीड़ पड़ी भगतो पे दोड़े दोड़े आते हो,
कभी राम कभी कृष्ण बनकर सब के कष्ट मिटाते हो,
तार दियां संसार मुरली वाले ने,
नैया लगा दी पार मुरली वाले ने,
कभी मथुरा मे युद किया,
कभी ब्रिज में रास रचाया है,
कभी गोपियाँ कभी ग्वाले,
सबको खेल खिलाया है,
रचा गीता का सार मुरली वाले,
नैया लगा दी पार मुरली वाले ने,
जिसने तेरा नाम लिया है,
तूने उसको थाम किया है,
जिसका नाम ना जाने कोई तूने उसका नाम किया है,
किया है सबसे प्यार मुरली वाले ने
नैया लगा दी पार मुरली वाले ने,,,,,,