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कोई कहियो रे प्रभु आवन की


कोई कहियो रे प्रभु आवन की,
आवन की मन भावन की
कोई कहियो रे प्रभु आवन की

आप न आवे लिख नही बेजे,
वान पड़ी ललचावन की
कोई कहियो रे प्रभु आवन की

ये दो नैना कहो नही माने
नदिया बहे जैसे सावन की
कोई कहियो रे प्रभु आवन की

काम करो कशु वस् नही मेरो
पंख नही उड़ जावन की
कोई कहियो रे प्रभु आवन की

मीरा कहे प्रभु कब रे मिलो गे
तेरी भई हु तेरे दामन की
कोई कहियो रे प्रभु आवन की……….,


यह मेरी अर्ज़ी है वैसी बन जाओ जैसी तेरी मर्ज़ी है,

लफ्जो का टोटा है,
जीकर प्यारे का अश्को से होता है,

छम छम बारिश है,
माही घर आजा हर बून्द सिफारिश है,

वो इतना प्यारा है,
चाँद कहे उस से तू चाँद हमारा है………..

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