जय श्री कृष्णा
आज हम आपके सामने एक बार फिर कृष्ण और बलराम की एक ऐसी लीला लेकर आये हैं जिससे हमें यह सीखने को मिलता है की हमें अपने जीवन में हर समस्या का कैसे सामना करना चाहिए
एक दिन कृष्ण और बलराम घूमते , घूमते घने जंगल की ओर चले गए …।
बलराम बोले, “ पर इस घने जंगल में हमें खतरा हो सकता है, यहाँ सोना उचित नहीं होगा, हमें जाग कर ही रात बितानी होगी।”
श्री कृष्ण जी ने कहा “अच्छा, हम ऐसा करते हैं कि पहले मैं सोता हूँ और तब तक तुम पहरा देते रहो, और फिर जैसे ही तुम्हे नींद आये तुम मुझे जगा देना; तब मैं पहरा दूंगा और तुम सो जाना।”,
बलराम जी तैयार हो गए।
कुछ ही पलों में कृष्ण गहरी नींद में चले गए और तभी बलराम को एक भयानक आकृति अपनी ओर आती हुई दिखी, वो कोई राक्षस था
राक्षस उन्हें देखते ही जोर से चीखने लगा और बलराम जी बुरी तरह से डर गए।
इस घटना का एक विचित्र असर यह हुआ कि भय के कारण बलराम जी का आकार कुछ छोटा हो गया और राक्षस का आकार कुछ बढ़ गया।
उसके बाद राक्षस एक बार और चीखा और पुन: बलराम डर कर काँप उठे, अब बलराम और भी सिकुड़ गए और राक्षस पहले से भी बड़ा हो गया।
राक्षस धीरे-धीरे बलराम की और बढ़ने लगा, बलराम पहले से ही भयभीत थे, और उस विशालकाय राक्षस को अपनी और आता देख जोर से चीख पड़े –“कृष्णा…” ,और चीखते ही वहीँ मूर्छित हो कर गिर पड़े।
बलराम की आवाज़ सुन कर कृष्ण उठे, बलराम को वहां देख उन्होंने सोचा कि बलराम पहरा देते-दते थक गए और सोने से पहले उन्हें आवाज़ दे दी।
अब कृष्ण पहरा देने लगे।
कुछ देर बाद वही राक्षस उनके सामने आया और जोर से चीखा।
कृष्ण जरा भी घबराए नही और बोले, “बताओ तुम इस तरह चीख क्यों रहे हो, क्या चाहिए तुम्हे?”
इस बार भी कुछ विच्त्र घटा- कृष्ण के साहस के कारण उनका आकार कुछ बढ़ गया और राक्षस का आकर कुछ घट गया।
राक्षस को पहली बार कोई ऐसा मिला था जो उससे डर नहीं रहा था। घबराहट में वह पुन: कृष्ण पर जोर से चीखा!
इस बार भी कृष्ण नहीं डरे और उनका आकर और भी बड़ा हो गया जबकि राक्षस पहले से भी छोटा हो गया।
एक आखिरी प्रयास में राक्षस पूरी ताकत से चीखा पर कृष्ण मुस्कुरा उठे और फिर से बोले, “ बताओ तो क्या चाहिए तुम्हे?”
फिर क्या था राक्षस सिकुड़ कर बिलकुल छोटा हो गया और कृष्ण ने उसे हथेली में लेकर अपनी धोती में बाँध लिया और फिर कमर में खोंस कर रख लिया।
कुछ ही देर में सुबह हो गयी, कृष्ण ने बलराम को उठाया और आगे बढ़ने के लिए कहा! वे धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे तभी बलराम उत्तेजित होते हुए बोले, “पता है कल रात में क्या हुआ था, एक भयानक राक्षस हमे मारने आया था!”
“रुको-रुको”, बलराम को बीच में ही टोकते हुए कृष्ण ने अपनी धोती में बंधा राक्षस निकाला और बलराम को दिखाते हुए बोले, “कहीं तुम इसकी बात तो नहीं कर रहे हो?”
“हाँ, ये वही है। पर कल जब मैंने इसे देखा था तो ये बहुत बड़ा था, ये इतना छोटा कैसे हो गया?”, बलराम आश्चर्यचकित होते हुए बोले।
कृष्ण बोले, “ जब जीवन में तुम किसी ऐसी चीज से बचने की कोशिश करते हो जिसका तुम्हे सामना करना चाहिए तो वो तुमसे बड़ी हो जाती है और तुम पर नियंत्रण करने लगती है लेकिन जब तुम उस चीज का सामना करते हो जिसका सामना तुम्हे करना चाहिए तो तुम उससे बड़े हो जाते हो और उसे नियंत्रित करने लगते हो!”
दोस्तों, ये राक्षस दरअसल, हमारी जीवन में आने वाली विपरीत स्थितियां हैं, हमारे जीवन कि समस्याएं हैं! अगर हम इन समस्यायों को नज़रअंदाज़ करते हैं तो ये समस्याएं और भी बड़ी हो जाती हैं और हमें नियंत्रित करने लगती हैं लेकिन अगर हम इनका सामना करते हैं, साहस के साथ तो यही समस्याएं धीरे-धीरे छोटी होती चली जाती हैं और अंततः हम उनपर काबू पा लेते हैं। इसलिए जब कभी भी जीवन में ऐसी समस्याएं आएं जिनका सामना आपको करना ही चाहिए तो उसे नज़रअंदाज़ मत करिए…जिसका सामना करना है उससे बचने कि कोशिश मत कीजिये।
Hail lord krishna
Today we have once again brought before you such a leela of Krishna and Balarama that we get to learn how we should face every problem in our life.
One day Krishna and Balarama roamed, walking towards the dense forest….
Balaram said, “But in this dense forest we may be in danger, it will not be appropriate to sleep here, we have to stay awake and spend the night.”
Shri Krishna ji said, “Well, we do this first that I sleep and till then you keep guarding, and then as soon as you sleep you wake me up; Then I will keep watch and you go to sleep. “,
Balaram Ji got ready.
In a few moments Krishna went into deep sleep and then Balarama saw a terrible figure coming towards him, he was a demon.
The demon screamed loudly upon seeing them and Balram ji got scared very badly.
One strange effect of this incident was that due to fear, the size of Balarama ji was reduced somewhat and the size of the monster increased.
After that the demon screamed once more and again Balaram shivered in fear, now Balaram shrunk even more and the demon grew bigger than before.
The demon slowly began to move towards Balarama, Balarama was already frightened, and seeing that giant demon came in and shouted – “Krishna …”, and as he screamed he fell unconscious.
Hearing Balarama’s voice, Krishna woke up, seeing Balarama there, he thought that Balarama was tired of guarding him and gave him a voice before going to sleep.
Now Krishna started guarding.
After some time the same monster came in front of them and screamed loudly.
Krishna did not panic at all and said, “Tell me why you are screaming like this, what do you want?”
This time too some devils decreased – due to the courage of Krishna, his size increased and the size of the demon decreased.
The demon had first found someone who was not afraid of him. In horror, he again shouted loudly at Krishna!
This time also Krishna did not get scared and his size became even bigger while the demon became smaller than before.
In one last attempt, Krishna shouted at the demon with full force and Krishna smiled again and said, “Tell me what you want?”
Then what was the demon shrinking and it became very small and Krishna took it in his palm, tied it in his dhoti and then kept it in the waist.
Shortly after dawn, Krishna picked up Balarama and asked him to move on! When they started moving slowly, Balarama said excitedly, “You know what happened last night, a terrible monster came to kill us!”
“Stop-wait”, interrupting Balarama, Krishna pulled the demon tied in his dhoti and said to Balarama, “Are you talking about this?”
“Yes, that’s it. But when I saw it yesterday, it was so big, how did it become so small? ”, Balaram said in surprise.
Krishna said, “When in life you try to avoid something that you should face, it becomes bigger than you and starts to control you but when you face that thing you should face So you grow up and control him! ”
Friends, these demons are actually the opposite conditions in our life, the problems of our lives! If we ignore these problems then these problems become even bigger and start to control us but if we face them, with courage, then these problems gradually become smaller and eventually we overcome them. Get it Therefore, whenever there are problems in life that you must face, do not ignore them… Do not try to avoid what you have to face.