माँ शारदे कहाँ तू ,
वीणा बजा रही हैं ॥
किस मंजु ज्ञान से तू ,
जग को लुभा रही हैं ॥
किस भाव में भवानी ,
तू मग्न हो रही है ॥
विनती नहीं हमारी ,
क्यों माँ तू सुन रही है ॥ ..x2
हम दीन बाल कब से ,
विनती सुना रहें हैं ॥
चरणों में तेरे माता ,
हम सर झुका रहे हैं ॥
हम सर झुका रहे हैं ,
मां शारदे कहाँ तू, वीणा…
अज्ञान तुम हमारा ,
माँ शीघ्र दूर कर दो ॥
द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में ,
माँ शारदे तू भर दे ॥ ..x2
बालक सभी जगत के ,
सूत मात हैं तुम्हारे ॥
प्राणों से प्रिय है हम ,
तेरे पुत्र सब दुलारे ॥
तेरे पुत्र सब दुलारे ,
॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा…
हमको दयामयी तू ,
ले गोद में पढ़ाओ ॥
अमृत जगत का हमको ,
माँ शारदे पिलाओ ॥ ..x2
मातेश्वरी तू सुन ले ,
सुंदर विनय हमारी ॥
करके दया तू हर ले ,
बाधा जगत की सारी ॥
बाधा जगत की सारी ,
॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा…
माँ शारदे कहाँ तू ,
वीणा बजा रही हैं ॥
किस मंजु ज्ञान से तू ,
जग को लुभा रही हैं ॥