मैं तो वृंदावन को जाऊ सखी मेरे नैना लगे बिहारी से
घर में खाऊ रूखी सूखी,
मोहे माखन मिले बिहारी से,
मेरे नैना लगे बिहारी से
घर में पेहनू फटे पुराने,
मोहे रेशम मिले बिहारी से
मेरे नैना लगे बिहारी से
घर में सास नंनदियाँ लड़े हैं,
मोहे आनंद मिले बिहारी से
मेरे नैना लगे बिहारी से
घर में होए नित कीच कीच बाजी,
मोहे आनंद मिले बिहारी से
मेरे नैना लगे बिहारी से…………….
आए शरण तिहारी
बिहारी विनती सुनलो हमारी
विनती हमारी,
सुनलो विनती हमारी…….
अपने चरण की सेवा दीजे
अपनों चाकर मोहे कर लीजे
अपनों चाकर मोहे कर लीजे
है अरदास हमारी
बिहारी विनती सुनलो हमारी
आए शरण……..
ब्रज वासिन की झूठन पाऊं
महलन की परसादी पाऊं
महलन की परसादी पाऊं
कृपा करो बनवारी
बिहारी विनती सुनलो हमारी
आए शरण……..
भजन ना ज्ञान ना जप तप कोई
पतित अधम मोसम ना कोई
पतित अधम मोसम ना कोई
पकड़ो बांह हमारी
बिहारी विनती सुनलो हमारी
आए शरण………