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मन रे भज ले हरी का नाम

मन रे भज ले हरी का नाम
राम कृष्ण श्री कृष्ण राम

जो है सुख कर आनंद धाम राम कृष्ण श्री कृष्ण राम
मन रे भज ले हरी का नाम

केशव का नाम चित चोर कहो या रघुवर अवध किशोर कहो
रसना पे अगर तेरा नाम रहे जग में फिर नाम रहे न रहे
मन मन्दिर में घनश्याम रहे झूठा संसार रहे न रहे,
दिन रैन हरी का ध्यान रहे किसी और का ध्यान रहे न रहे
तेरी किरपा का अभिमान रहे कोई और अभिमान मुझे न रहे

केशव का नाम चित चोर कहो या रघुवर अवध किशोर कहो
रटो दिन प्रतिदिन घड़ी आठो याम
मन रे भज ले हरी का नाम

मन राघवर के चरण रहू या झांकी रमण की शरण रहो
ब्रिज राज से जोड़ा जब है इस जग की क्या परवाह करे
बस याद में उनकी रोते रहे पलको पे असरु परवाह करे
जितनी मधुर रहे हम से उतनी हम उनकी चाह करे
सुख अद्भुत प्रेम की पीड में है हम आह भरे वो माह करे

मन राघवर के चरण रहू या झांकी रमण की शरण रहो
बोलो बन कर के सब दिल से गुलाम
मन राघवर के चरण रहू या झांकी रमण की शरण रहो……

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