ओ मन चल वृन्दावन चलवे मना,
एथे ओह नजारा नही मिलना,,,,,,
ओह एथे ओ नजारा नही मिलना,
ओह एथे प्रीतम प्यारा नही मिलना,,,,,,
ओह मन चल वृन्दावन चल वे मना,
एथे ओह नजारा नही मिलना
ओह किथे मिलनगे बाँके बिहारी,
संग होवेगी राधा प्यारी,
हो राधा राधा राधा राधा,
श्री राधा राधा राधा राधा,,,,,,,
ओह किथे मिलनगे बाँके बिहारी,
संग होवेगी राधा प्यारी,
हुन गुरु चरणा विच लग वे मना,
बिन सतगुरु प्यारा नही मिलदा,
मन चल वृन्दावन चल वे मना,
एथे ओह नजारा नही मिलदा
जिथे रहमत पायी बरसदी ए
जिथे औँन नु दुनिया तरसडी ए
हुन चल वे मन्ना हुन देर ना ला
इथे प्रीतम प्यारा नई मिलणा…..
इथे बड़े ही मस्त नजारे ने
जेड़ा आउंदा वारे न्यारे ने
हुन गुरु चरणा विच लग वे मन्ना
इथे ओ नजारा नई मिलणा……..