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मीरा ने मोहन को ही जीवन का आधार माना है


मीरा ने मोहन को ही  जीवन का आधार माना है
मोहन के चरणों को संसार माना है
मोहन की सेवा को मोहन की पूजा को मोहन की चर्चा को ही सार माना है,
मीरा ने मोहन को ही  जीवन का आधार माना है

तन सोंप दिया मन सोंप दिया,
और सारा जीवन सोंप दियां,
पूजन चिंतन नर तन वंदन पल पल का सुमिरन सोंप दियां,
मीरा ने मोहन को ही  जीवन का आधार माना है

त्रिभुवन का पालनहारा है वही जीवन का रखवारा है
हर जीव का प्राना धार वही भव सागार तारण हारा है
मीरा ने मोहन को ही  जीवन का आधार माना है

मजधार में माया की न वहो सब छोड़ उसी की शरण रहो
सब साथ संगार करे गा वही उस की हो के निश्चिंत रहो
मीरा ने मोहन को ही  जीवन का आधार माना है…………….

in English

Meera considers Mohan as the basis of life
Mohan’s feet are considered as the world
The service of Mohan is considered as the essence of the discussion of Mohan, worship of Mohan.
Meera considers Mohan as the basis of life

The body was given, the mind was given,
and gave up all life,
Worshiped contemplation, male body, worshiped moment by moment,
Meera considers Mohan as the basis of life

He is the custodian of Tribhuvan, he is the keeper of life.
The life edge of every living being is the same Bhava Sagar Taran Hara.
Meera considers Mohan as the basis of life

Don’t leave all that to Maya in Mazdhar and take refuge in her.
Everyone will sing together, be sure that it is his.
Meera has considered Mohan as the basis of life.

#wish4me

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