मेरे दिल में रहने वाले मुझसे नकाब क्यों ,
इतना मुझे बता दे मुझसे नकाब क्यों ,
मैंने तो ये सुना तुम हो दया के सागर ,
लाखो को तुने तारा मुझसे जबाब क्यों,
मेरे दिल में ….
मेरे गुन्हा है लाखो ये भी तो मैंने माना,
औरों से कुछ न पूछा मुझसे हिसाब क्यों ,
मेरे दिल ……..
तूने जिसे अपनाया उसको खुदा बनाया,
उनका नशीब अच्छा मेरा खराब क्यों,
मेरे दिल में …….
आजाद के अंदर भी है कुछ तो कमाल तेरा,
बेहद का है तू दरिया तू फिर बेनकाब क्यों,
कईओं को पास रखा कई दूर तुमने रखे,
समदरसी नाम तेरा फिर ऐसा जनाब क्यों
इतना मुझे बता दे ………