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मेरे श्याम पे तुम विस्वाश करो


मेरे श्याम पे तुम विस्वाश करो
विशवाश कभी न हारा है
भगवान् तो हारते देखा है पर भगत कभी न हारा है

नरसी ने भरोसे के दम पर सब राजसी भेभ्व छोड़ा था
मीरा ने नारायण की खातिर हरी नाम से नाता जोड़ा था
भगतो के लिए बीत जाते प्रभु इतहास गवाह ये सारा है
मेरे श्याम पे तुम विस्वाश करो

विस्वाश की डगर कठिन है जरा हर कोई नही चल पाता है
भगतो के एक कदम के लिए सो कदम कन्हिया बडाता है
मजधार भी उसका क्या करले मजधार भी बनता किनारा है
मेरे श्याम पे तुम विस्वाश करो

मेरे श्याम को मोहित करने का सीधा सा सरल ये नुस्का है
श्रधा और प्रेम समर्पण का मेरे ठाकुर को बड़ा चस्का है
दुःख तकलीफे आये जितनी संकट खुद बनता सहारा है
मेरे श्याम पे तुम विस्वाश करो……….

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