मेरी दुनिया मेरी खुशियाँ मेरे श्याम है तुही……
तू ही रास्ता तू ही मेरा मुकाम है
तेरे नाम से ही श्याम प्रभु मेरा नाम है
दुनिया के लिए होगी ये दुनिया बहुत बड़ी मेरी दुनिया शुरू तुम से तुम पर तमाम है
मेरी दुनिया मेरी खुशियाँ मेरे श्याम है तुही…..
तुम से ही प्रेम और शिकायत तुम्ही से है
कुछ पाना हो अगर वो चाहत तुम्ही से है
तुम से ही मेरी अर्जी तुमसे मेरी विनय
तुम से ही मेरा झगडा वगावत तुम्ही से है
मेरी दुनिया मेरी खुशियाँ मेरे श्याम है तुही…..
सर्वस माना तुम्को जैसे भी चाहे तुम रखो
मेरी जिन्दगी के लेखक जो कुछ भी चाहे तुम लिखो
चाहे खुशियों का मुझे राग़ दो चाहे मुझको गम की आग दो
चाहे निर्मल कर दो मन मेरा चाहे दुनिया भर के धाग दो
मेरी दुनिया मेरी खुशियाँ मेरे श्याम है तुही……
अम्बर से बोलो आखिर होता है सूरज कब जुदा
मेरे भी मन मन्दिर में मेहसूस होता तू सदा
रजनी पर ये उपकार हो
चाहे बंद तुम्हारे द्वार हो सोनू जब भी देखू जिधर नजरो का तेरा दीदार हो
मेरी दुनिया मेरी खुशियाँ मेरे श्याम है तुही………..