मेरी सुन ले श्याम प्यारे बिगड़ी को तू संवारे,
बिगड़ी तो तू सँवारे मेरी सुन ले श्याम प्यारे,
बिगड़ी को तू संवारे बिगड़ी तो तू सँवारे……
इक पल को तू हँसाए ख़ुशियाँ सी गुनगुनाएं,
दूजे ही पल हुआ क्या इतना भी क्यों रुलाए,
बैठी हूँ तेरे द्वारे हँसते हैं, लोग सारे,
मेरी सुन ले श्याम प्यारे बिगड़ी को तू संवारे,
बिगड़ी तो तू सँवारे…
मीरा हुई दीवानी दुनियाँ की वो ना मानी,
मेवाड़ की वो रानी दर दर की ख़ाख़ छानी,
किस्मत क्या हमारे तुझे कैसे हम पुकारें,
ओ तुझे कैसे हम पुकारें मेरी सुन ले श्याम प्यारे,
बिगड़ी को तू संवारे…
बेकार की ये बातें झूठे हैं रिश्ते नाते,
सुख में जो साथ आते दुःख में वो भूल जाते,
लहरी के हो सहारे कोई ना बिन तुम्हारे,
मेरी सुन ले श्याम प्यारे बिगड़ी को तू संवारे,
बिगड़ी तो तू सँवारे………..