कन्हिया बैठाया पहिया हो मिलन यमुना पे आउंगी
मिलन तू कैसे आवे गी खोली पे तेरा बाबुल पावेगा
बाबुल के मैं मुका धर दूंगी मिलन यमुना पे आउंगी
मिलन तू कैसे आवेगी धरा तेरी मैया पावेगी
मैया के मैं पैर दबा दूंगी मिलन यमुना पे आउंगी
मिल्न तू कैसे आवेगी रस्ते में तेरी सखियाँ पावेगी
सखी ने मैं आप मना लुंगी मिलन यमुना पे आउंगी
ठाकुर प्यारे
मन में उठती इक तरंग
दिल में ये ही एक उमंग
घर मेरे आना राधा संग
हो..ठाकुर प्यारे….
भक्ति भाव से करू मैं पूजा
करू आरती वंदन
भोग लगाउ माखन मिशरी
तिलक लगाऊ चन्दन
अब मेरी सुन लो फरियाद
हर पर करता तूमको याद
तो कब आओगे राधा रमन
हो..ठाकुर प्यारे…..
राणा ने जब मीरा को
थमा दिया विष प्याला
अपनी शक्ति से तुमने
विष को अमृत कर डाला
मुझपर भी किर्पा वरसादो
भवसागर से पार लगादो
राधे नाम की लगी लगन
हो..ठाकुर प्यारे….
द्रौपदी की लाज बचाने
दौड़े दौड़े आये -2
अपनी बहन की लाज की खातिर
पल भी रुक न पाए
उसी भाव से तुम्हे पुकारू
तन मन धन सब तुमपे वारु
मैं तो हर सांस करता भजन
हो..ठाकुर प्यारे….
नरसिंह भक्त की हुंडी तारी
साथ विधुर धर खायो -2
भूं नें भक्त ने जिद नहीं छोड़ी
पत्थर में तुम्हे पायो
कहे जतिंदर भाग जगादो
मुझको भी अब दर्शन दिखादो
करू चरणों में मस्तक नमन
हो..ठाकुर प्यारे…..