मोहे खेलन संग तेरे होरी सुन ले ओ राधा गौरी,
सुन गौरी सुन गौरी मोहे खेलन संग तेरे होरी,
रंगीला फागण आया मस्ती का रंग है छाया,
ना नखरे ऐसे राधा दिखा ना कर मोसे बरजोरी,
जोरी बरज़ोरी नहीं खेलण संग तेरे होरी,
सुन ले ओ बृज के छोरे क्यों बैया मोरी मरोरे,
ईरादा मुझको तेरा पता सुन ले ओ राधा गौरी,
सुन गौरी सुन गौरी मोहे खेलन संग तेरे होरी………
गोपियों के संग क्यों ना खेलता तू रंग,
ओ बृज के रसिया रोके क्यों डगर मोहे,
जाने दे तू घर मोहे ओ साँवरिया,
मैंने यही मन में ठानी सुन कान खोल के दीवानी,
मोहे तेरे संग रंगना ना कर मोसे बरजोरी,
जोरी, बरज़ोरी नहीं खेलण संग तेरे होरी……….
बृज की सुगंध माहीं समाया सतरंग,
मत बन पत्थर दिल रंगों की फुंहार दिल मेरा बेक़रार,
सुन ले ओ नन्द के लाला तेरा मोसे पड़ा है पाला,
सुहानी सपने यूँ ना सजा सुन ले ओ राधा गौरी,
सुन गौरी सुन गौरी मोहे खेलन संग तेरे होरी…….
डाल मत डोर तेरे झाँसे में ना आऊँ,
सुन छैल छबीले कैसे समझाऊँ तोहे,
कितना बताऊँ हठ छोड़ हठीले,
कुंदन रंग भरी पिचकारी ले कर तैयार मुरारी,
ओ राधा रंग में भंग कर ना सुन ले ओ राधा गौरी,
सुन गौरी सुन गौरी मोहे खेलन संग तेरे होरी,
रंगीला फागण आया मस्ती का रंग है छाया,
ना नख़रे ऐसे राधा दिखा ना कर मोसे बरजोरी,
जोरी, बरज़ोरी नहीं खेलण संग तेरे होरी,
होरी हाँ होरी सुन ले ओ बृज के छोरे,
क्यों बैया मोरी मरोरे इरादा मुझकों तेरा पता,
सुन ले ओ राधा गौरी,
सुन गौरी सुन गौरी मोहे खेलन संग तेरे होरी………