मोरे कान्हा तोरी अँखियाँ जादू भरी-2
मोरे कान्हा तोरी अँखियाँ जादू भरी,
जब तें लड़ीे निगोड़ी मोरी अँखियाँ,
बेसुध विह्वल भई बाँवरी,
मोरे कान्हा तोरी………
बहुत सतावत मन तड़पावत,
चहुँ दिसि पाछे पाछे ऑन परी,
मोरे कान्हा तोरी……
प्रेम सुधा रस भरी तोरे अंखियन,
बलि बलि जाऊं तोरे शरण परी,
मोरे कान्हा तोरी….
अंखियन बान दास भई घायल,
कलि कलुष भव सिंधु तरी,
मोरे कान्हा तोरी………
गोवर्धन पे तू ठुमका लगा ले चाची
होंगे कान्हा के दर्शन कहू रे साँची
गोवर्धन पे भतीजे मैं खूब नाची
ना मिले मोहे कान्हा ब्रिज वासी,
चची अर्जी लगा ले मन से श्याम आयेगे वृन्दावन से,
राधे नाम से हो जाए श्याम राजी
होंगे कान्हा के दर्शन कहू रे साँची…..
जैसे धुन में मगन मीरा रानी
वैसे मैं भी हु श्याम की दीवानी,
अपने गिरधर के चरणों की मैं भी दासी
न मिले मोहे कान्हा ब्रिज वासी
राधे राधे की रटन लगा ले दोड़े आयेंगे मुरली वाले
दर्शन देवे गे कान्हा जरुर चाची
होंगे कान्हा के दर्शन कहू रे साँची……