मोती तीसरी कक्षा में पढ़ता है। वह स्कूल जाते समय अपने साथ दो रोटी लेकर जाता था। रास्ते में मंदिर के बाहर एक छोटी सी गाय रहती थी। वह दोनों रोटी उस गाय को खिलाया करता था।
मोती कभी भी गाय को रोटी खिलाना नहीं भूलता। कभी-कभी स्कूल के लिए देर होती तब भी वह बिना रोटी खिलाए नहीं जाता ।
स्कूल में लेट होने के कारण मैडम डांट भी लगाती थी।
वह गाय इतनी प्यारी थी, मोती को देखकर बहुत खुश हो जाती ।
मोती भी उसको अपने हाथों से रोटी खिलाता।
दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे।
एक दिन की बात है मोती बाजार से सामान लेकर लौट रहा था।
मंदिर के बाहर कुछ लड़कों ने उसे पकड़ लिया।
मोती से सामान छीनने लगे। गाय ने मोती को संकट में देख उसको बचाने के लिए दौड़ी।
गाय को अपनी ओर आता देख सभी लड़के नौ-दो-ग्यारह हो गए।
मोती ने गाय को गले लगा लिया, बचाने के लिए धन्यवाद कहा।
मोरल –
- गहरी मित्रता सदैव सुखदाई होती है।
- निस्वार्थ भाव से व्यक्ति को मित्रता करनी चाहिए। संकट में मित्र ही काम आता है।