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मुझको तू रंगले रंगले तू मुझको


मुझको तू रंगले रंगले तू मुझको
मुझको तू रंगले ओ संवारे रंग में तेरे संवारे रंग में तेरे,

तेरे दर आऊ तेरे चरणों को ध्याऊ
तेरा हो जाऊ कान्हा तेरा हो जाऊ,
रज में तू रंग ले रंग ले तू मुझको
ओ संवारे रंग में तेरे …….

ऐसा तू रंगले मुझे रंग नाही छुटे
चरणों में रख ले मुझे संग नाही छुटे
श्याम रंग रंगले रंग ले तू मुझको
ओ संवारे रंग में तेरे …….


म्हारे मन में बस गयी रे सुरतिया श्याम तेरी
म्हारे मन में बस गयी,,,

कजरारे तेरे नैना प्यारे मन को लागे प्यारे
शीश मुकुट कानो में कुण्डल पीताम्बर कन्धारे।
म्हारी सुध हर ले गयी रे सुरतिया श्याम तेरी।  
म्हारे मन में बस गयी,,,

रंग सांवला सावरिया को नैना बीच समायो
रूप अनोखा जादूगारो  भक्तों  के मन बायो।
म्हारे जादू कर गयी रे सुरतिया श्याम तेरी।
म्हारे मन में बस गयी,,,

रूप परो निर्धन में बाबा देव का रास्ता सारा
ऐसो श्याम आज कलयुग में खाटू धाम पधराया।
काँटा सा खटक गयी रे सुरतिया श्याम तेरी।  
म्हारे मन में बस गयी,,,

श्याम सुन्दर भक्तो के संग में बाबा तने रिशावे
माकी रूप पिराने देख देख सुख पावे।
मस्तानो कर गयी रे सुरतिया श्याम तेरी।  
म्हारे मन में बस गयी,,,

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