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न ठोकर मार दासी हूं


न ठोकर मार दासी हूं 
मैं दुनिया की सताई हूं

दिए अपनो ने धोखे श्याम
दिए अपनो ने धोखे श्याम
यह दुनिया पैसे वालों की 
मैं खाली हाथ आई हूं

पड़ी नैया भंवर में श्याम
किनारा दूर है मेरा 
खिवैया आप बन जाओ 
तो बेड़ा पार हो जाए

मुझे अपना बना लो श्याम
या इस जग से उठा लो श्याम
तुम्हें पाने की हसरत में 
मैं बंधन तोड़ आई हूं

न ठोकर मार दासी हूं 
मैं दुनिया की सताई हूं ……….

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