Breaking News

नैनन मे पिचकारी दई


नैनन मे पिचकारी दई, मोहे गारी दई, होरी खेली ना जाय।
खेली ना जाय, होरी खेली ना जाय ॥
नैनन मे पिचकारी दई, मोहे गारी दई…….

क्यों रे लंगर लंगराई मोते कीनी।
केसर कीच कपोलन दीनी।
लिए गुलाल वो तो ठाड़ो मुस्काये।
वो तो ठाड़ो मुस्काये।
होरी खेली ना जाय।
नैनन मे पिचकारी दई, मोहे गारी दई, होरी खेली ना जाय।

नैक न कान करत काहू की।
नजर बचावे बलदाऊ की।
पनघट सौं घर लो बतराय।
घर लौं बतराय।
होरी खेली ना जाय।
नैनन मे पिचकारी दई, मोहे गारी दई, होरी खेली ना जाय।

औचक कुचन कुमकुमा मारै।
रंग सुरंग सीस ते ढारै।
यह ऊधम सुनि सासु रिसियाय।
सुनि सासु रिसियाय।
होरी खेली ना जाय।
नैनन मे पिचकारी दई, मोहे गारी दई, होरी खेली ना जाय।

होरी के दिनन मोते दूनौ दूनौ अटकै।
सालिगराम कोण जाहे हटकै।
अंग लिपटि हँसि हा -हा खाय।  
हँसि हा -हा खाय।  
होरी खेली ना जाय।
नैनन मे पिचकारी दई, मोहे गारी दई, होरी खेली ना जाय।

Check Also

bhandara

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना चाहिए

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....