एक बालक के मन में नई-नई बातों को जानने की जिज्ञासा थी। उस बालक के मोहल्ले में एक मौलवी रहते थे। एक दिन अब्दुल उन के पास गया और बोला, ‘मै कामयाब बनना चाहता हूं, कृपया बताएं कि कामयाबी का रास्ता क्या है ?’
हंसते हुए मौलवी साहब बोले, ‘बेटा, मै तुम्हें कामयाबी का रास्ता बताऊंगा, पहले तुम मेरी बकरी को सामने वाले खूंटे से बांध दो, कह कर उन्होंने बकरी की रस्सी बालक को दे दी। वह बकरी किसी के काबू में नहीं आती थी।
अतः जैसे ही बालक ने रस्सी थामी कि वह छलांग लगा, हाथ से छूट गई। फिर काफी मशक्कत के बाद बालक अब्दुल ने चतुराई से काम लेते हुए तेजी से भाग कर बकरी को पैरों से पकड़ लिया। पैर पकड़े जाने पर बकरी एक कदम भी नहीं भाग पाई और अब्दुल उसे खूंटे से बांधने में कामयाब हुआ।
यह देख मौलवी साहब बोले, ‘शाबाश, यही है कामयाबी का रास्ता। जड़ पकड़ने से पूरा पेड़ काबू में आ जाता है। अगर हम किसी समस्या की जड़ पकड़ लें, तो उस का हल आसानी से निकाल सकते हैं।
बालक ने इसी सूत्र को आत्मसात कर लिया और जीवन में आगे बढ़ता गया। बड़े होकर यही बालक अब्दुल गफ्फार खां के नाम से प्रसिद्ध हुआ। जिन्हें सीमांत गांधी के नाम से भी जाना जाता है।
In English
One child had a curiosity to know about new things. A maulvi lived in the neighborhood of that child. One day Abdul went to him and said, ‘I want to be successful, please tell me what is the path to success?’
Laughing, Maulvi Sahib said, ‘Son, I will tell you the success, first you bundle my goat with the pegs in front of them, by saying, they gave the goat rope to the child. The goat did not get hold of anyone.
So, as soon as the boy got the rope that he jumped, he got out of hand. After a lot of hardship, the boy, Abdul, cleverly ran away and grabbed the goat with his feet. Goat did not get a single step when the foot was caught, and Abdul managed to bite it with the pegs.
Seeing this, Maulvi Sahib said, ‘Well, that’s the way to success. The whole tree is controlled by catching the root. If we catch the root of any problem, then we can solve it easily.
The child absorbed this formula and went ahead in life. Growing up, this boy became famous as Abdul Ghaffar Khan. Also known as Frontier Gandhi