एक बार एक क्रूर व्यक्ति ने धन के लिए एक व्यापारी की हत्या कर दी। व्यापारी की हत्या करने के बाद जब वह वहाँ से भाग रहा था, तभी उसे व्यापारी के परिवारजनों ने देख लिया।
वे सभी चिल्लाने लगे। फलस्वरूप वहाँ पर लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई और वे लोग हत्यारे का पीछा करने लगे। दौड़ते-दौड़ते वह हत्यारा नदी के किनारे पहुंच गया। अचानक एक शेर ने उस पर हमला कर दिया।
यह देखकर वह अपनी जान बचाने के लिए एक पेड़ पर चढ़ गया। तभी उसे पेड़ की पत्तियों में से किसी के (कराने की आवाज सुनाई पड़ी। उसने वहाँ देखा तो उसे पेड़ की टहनियों से लिपटा हुआ एक बड़ा सा अजगर दिखाई दिया।
वह हत्यारे को काटने के लिए ज्यों ही आगे बढ़ा, त्यों ही उसने नदी में छलांग लगा दी। लेकिन उसकी जिंदगी का अंत निश्चित था। नदी के अन्दर रहने वाले एक मगरमच्छ ने उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। इस तरह प्रकृति ने स्वयं ही हत्यारे का न्याय कर दिया था। उसने किसी की जान ली थी तो प्रकृति ने स्वयं उसकी जान लेकर उसे सजा दे दी थी।