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ओ पालन हारे


ओ पालन हारे निर्गुण और न्यारे,
तुम्हरे बिन हमरा कोई नही,
हमरी ये उलझन सुलझाओ मोहन,
तुम्हरे बिन हमरा कोई नही,

हम गरीबों का तू है सहारा,
सच्चा साथी समझ के पुकारा,
जो जगसे हारा   तूने ही तारा,
तुम्हे बिन हमरा कोई नही,
ओ पालन…

तुम्हरे जैसा कोई भी न साथी,
तू दीपक है  हम सब है बाती,
हमरा ये जीवन तुझपे है अर्पण,
तुम्हरे बिन हमरा कोई नही,
ओ पालन हारे….

भग्त कहता है सुनले कन्हैया,
अब भवर में पड़ी मेरी नैया,
भव से करदो पार मानूँगा उपकार,
तुम्हरे बिन हमरा कोई नही,
ओ पालन हारे….

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