लगी लगन बस नाम का तेरे बसी है तू हर सास
नैनो से तूने अपनी मुझपे चलाई एसी वान
ओ राधा बनी तू मेरी जान
झूठी है तेरी बात सभी मैं रहू न तेरे साथ
मानु गी न जिद तेरी मैं अब मन में ली है ठान,
ओ कान्हा बनू न तेरी जान
वृंदावन में रास रचाये आजा दोनों मिल के
क्यों न समजे राधा रानी
हाल मेरे इस दिल के
आजा बताऊ दिल में मेरे राधा छुपी है कौन सी बात
नैनो से तूने अपनी मुझपे चलाई एसी वान
ओ राधा बनी तू मेरी जान
छलियाँ है तू कान्हा तेरे साथ मैं न आऊ,
रूठी हु मैं संग तेरे मैं अब तो रास रचाऊ
मैं न सुनु कान्हा मन की तेरे अब कोई भी बात
मानु गी न जिद तेरी मैं अब मन में ली है ठान,
ओ कान्हा बनू न तेरी जान
लागे सुना तेरे बिन राधा गोकुल की ये गलियां
प्यार का रोग लगा के केहती हो झूठा और छलियाँ
मान गई मैं कान्हा अब तो यु न मुह बनाओ
इंदल हरजाई रजनीश की नैया पार लगाओ
जा के न केहना मैया से मेरी तुम कोई भी बात
नैनो से तूने अपनी मुझपे चलाई एसी वान
ओ राधा बनी तू मेरी जान…….