पावन किशोरी जी, तुम्हरे चरन ll,
श्री चरनन में, दे दो शरण ll
जिन चरनो में रहे, नंद नंदन
मस्तक धरो मेरे, करूँ मैं वन्दन ll
अति सुखदाई, तारण तरण ll,
श्री चरनन में, दे दो शरण ll
चरन शरण बिन, मरना भी भारी
हारा हूँ कर्मो से, तरना भी भारी ll
भटकन मेरी अब, कर लो हरण ll,
श्री चरनन में, दे दो शरण ll
ब्रज रज़ माही, दे दो ठिकाना
ब्रज में रज़ बन, रहूँ बरसाना ll
करूँ रसिकन पग, धूलि धरण ll,
श्री चरनन में, दे दो शरण ll
तुम्हरे चरण, त्रिलोकी समाए
गोपाली को, पागल बनाए ll
तन मन धन, चरनन अर्पण ll,
श्री चरनन में, दे दो शरण ll