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प्रभु जी काया की बन गई रेल


रेल गाड़ी चलने वाले है
प्रभु जी काया की बन गई रेल…..

हाथ पैर के पहिये बन गए दो नैनं के सिगनल बन गए
दिल को इंजन बनाये रेल रेल गाड़ी चलने वाले है
प्रभु जी काया की बन गई रेल…..

हाथ पैर के पहियाँ थक गए
दो नैनं के सिंगल भुज गए
दिल को इंजन है गयो फेल रेल स्टेशन पे खाड़ी हु
प्रभु जी काया की बन गई रेल….

एक लडके के साईंआ बनवावे
बा के उपर रेल सिलाए
कर सोल्हा शिंगार ये रेल रेल कंधे पे जा रही है


म्हारे मन में बस गयी रे सुरतिया श्याम तेरी
म्हारे मन में बस गयी,,,

कजरारे तेरे नैना प्यारे मन को लागे प्यारे
शीश मुकुट कानो में कुण्डल पीताम्बर कन्धारे।
म्हारी सुध हर ले गयी रे सुरतिया श्याम तेरी।  
म्हारे मन में बस गयी,,,

रंग सांवला सावरिया को नैना बीच समायो
रूप अनोखा जादूगारो  भक्तों  के मन बायो।
म्हारे जादू कर गयी रे सुरतिया श्याम तेरी।
म्हारे मन में बस गयी,,,

रूप परो निर्धन में बाबा देव का रास्ता सारा
ऐसो श्याम आज कलयुग में खाटू धाम पधराया।
काँटा सा खटक गयी रे सुरतिया श्याम तेरी।  
म्हारे मन में बस गयी,,,

श्याम सुन्दर भक्तो के संग में बाबा तने रिशावे
माकी रूप पिराने देख देख सुख पावे।
मस्तानो कर गयी रे सुरतिया श्याम तेरी।  
म्हारे मन में बस गयी,,,

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