राधे कर बदलाँ दी छां कि आज मेरे शाम ने आना
नी मैं छम छम नाच्दी फिराँ कि आज हाराँ वाले ने आन
जदो हाराँ वाले कुटिया तो चल पए
औधो चल पई ठंडी-ठंडी हवा
कि आज मेरे शाम ने आना
ओ राधे कर……….
जदो हाराँ वाले साड्ड़ी गली विच आ गये
मैं तां फुल वर्सान्दी फिराँ, कि आज मेरे शाम ने आना
ओ राधे कर………..
जदों मेरे हाराँ वाले सिंहासन ते बह गये
मै ता संगता बलानदी फिराँ, की आज मेरे शाम ने आना
ओ राधे कर………..
जदो मेरे हाराँ वाले वचन फरमानदे ने
मैं ताँ चर्नी शीश धरां,कि आज मेरे शाम ने आना
ओ राधे कर……….
राधे कर बदलाँ दी छां कि आज मेरे शाम ने आना
नी मैं छम छम नाच्दी फिराँ कि आज हाराँ वाले ने आन
जदो हाराँ वाले कुटिया तो चल पए
औधो चल पई ठंडी-ठंडी हवा
कि आज मेरे शाम ने आना
ओ राधे कर……….