एक बार एक छोटे प्राइवेट हवाई जहाज में शाम के समय एक डॉक्टर, एक वकील, एक छोटा बच्चा और एक पंडित जी जा रहे थे। अचानक हवाई जहाज के इंजिन में कुछ तकनीकी खराबी हो गई। पायलट की तमाम कोशिशों के बावजूद हवाई जहाज नीचे जाने लगा। पायलट ने पैराशूट लेकर मुसाफिरों से कहा कि वह कूद जाए और खुद को बचा लें। दुर्भाग्य से सिर्फ तीन पैराशूट बचे थे और हवाई जहाज में चार लोग बाकि थे।
एक पैराशूट डॉक्टर ने ले लिया और कहा “मैं डॉक्टर हूं, मैं जिंदगियां बचाता हूं इसलिए मुझे जीना चाहिए।” यह कहकर वह कूद गया।
फिर वकील ने कहा, “मैं वकील हूं और वकील दुनिया के सबसे होशियार इंसान होते है।” उसने पैराशूट लिया और वह भी कूद गया।
पंडित जी ने छोटे लड़के की ओर देखा और कहा, “बेटा, मैने अपनी जिंदगी जी ली है। तुम अभी छोटे हो और तुम्हारी पूरी जिंदगी पड़ी हे। यह आखिरी पैराशूट लो और आराम से जीना।”
छोटे लड॒के ने पैराशूट पंडित जी को वापिस किया और कहा, “आप परेशान ना हो। जो आदमी खुद को सबसे होशियार बता रहा था वह मेरा बैग लेकर नीचे कूद गया है। हमारे पास दोनों पैराशूट सुरक्षित है। हम आराम से नीचे कूद सकते है।”
Moral of the Story – आपके काम से आपकी पहचान नहीं होती बल्कि एक अच्छा इंसान बनने से आपकी पहचान होती है।