अहंकारी व्यक्ति किसी भी विषयों को आधा सुनता है… सुनने का आधा समझता है… समझने का आधा वो सोचता है… पर प्रतिक्रिया चार गुना करता है… जब आपके पास धन, यौवन, स्वास्थ्य होता है, तब आप संसार को भुल जाते हैं, और जब आपके पास ये सब नहीं रहते, तब संसार आपको भुल जाता है…
संदेह ऐसा बीज है, जो दिन प्रतिदिन बढकर विशाल वृक्ष बन जाता है और यही संदेह मनुष्य को चिंता से चिता तक पहुंचा देता है… कभी यह न सोचना कि आपके रिस्तेदार आपको सही मानते हैं, वो सही मानने की ढोंग करके आपको ही गलत ठहराने कि सदैव चेष्टा करते रहते हैं.
संसार आपको जीतना समझता और जानता नहीं, उतना आपको समझाता है… जब पेट का भुख मिट जाता है, जब मन की सभी आशायें पुर्ण होती रहतीं है, तब मनुष्य दुसरों कि घर को झांकता है… वो कभी दुसरों के अच्छाईयों को देखता नहीं, दूसरों की निंदा करता रहता है और दुसरों के अच्छाइयों को अपनी बातों में बुराइयों की खिचडी बनाकर तिसरे व्यक्ति को परोसता रहता है…
साधुवाणी का अर्थ है साधुओं या संतों के उपदेशों या वचनों से संबंधित वाणी या बोली। यह आध्यात्मिक ज्ञान, नैतिक मूल्यों, जीवन के गहरे सत्यों, और धार्मिक अथवा अध्यात्मिक मार्गदर्शन पर आधारित होती है। साधुवाणी में आमतौर पर जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण, करुणा, प्रेम, क्षमा, आत्म-साक्षात्कार, और भगवान के प्रति भक्ति जैसे विषय शामिल होते हैं।
साधुवाणी हमें यह सिखाती है कि कैसे एक शांत, संतुलित और धर्मिक जीवन जिया जाए, जिससे आत्मिक शांति और मुक्ति की प्राप्ति हो सके। इसमें व्यक्तिगत विकास और समाज के कल्याण के लिए भी मार्गदर्शन मिलता है। साधुवाणी के माध्यम से, साधु और संत अपने अनुभवों, ध्यान, और आध्यात्मिक अनुसंधान के परिणामों को साझा करते हैं।
साधुवाणी विभिन्न रूपों में प्रस्तुत की जा सकती है, जैसे कि प्रवचन, कीर्तन, भजन, ग्रंथों में लिखित उपदेश, या यहां तक कि निजी संवाद के रूप में। इसका उद्देश्य हमेशा आध्यात्मिक जागृति, आत्म-सुधार और सामाजिक हरमोनी को बढ़ावा देना होता है।
साधुवाणी से प्रेरित होकर, अनेक व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सफल होते हैं
यहाँ कुछ प्रेरक और सकारात्मक विचार दिए गए हैं जो जीवन में आशा, प्रेरणा, और मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं:
- “बदलाव जीवन का एक अटल सत्य है। इसे स्वीकार करें और इसके साथ विकसित हों, न कि इससे लड़ें।”
- “असफलता अंत नहीं है; यह सफलता की ओर एक कदम है। प्रत्येक असफलता आपको कुछ सिखाती है।”
- “सच्ची खुशी बाहरी परिस्थितियों में नहीं, बल्कि आंतरिक शांति में निहित है।”
- “जीवन में उदारता और करुणा दिखाने से आप न केवल दूसरों की मदद करते हैं, बल्कि अपने आप को भी समृद्ध करते हैं।”
- “स्वयं के प्रति सच्चे रहें। अपने सपनों का पीछा करें और अपने विश्वासों के प्रति वफादार रहें।”
- “समय जीवन का सबसे कीमती उपहार है। इसे बुद्धिमानी से उपयोग करें।”
- “आत्म-सुधार की यात्रा कभी खत्म नहीं होती। हर दिन एक नया अवसर है सीखने और विकसित होने का।”
- “दूसरों की आलोचना करने से पहले, स्वयं के आचरण पर ध्यान दें। सकारात्मक परिवर्तन स्वयं से शुरू होता है।”
- “धैर्य और सहनशीलता सफलता की कुंजी हैं। त्वरित सफलता दुर्लभ है; वास्तविक प्रगति समय और प्रयास लेती है।”
- “सकारात्मक सोच आपके जीवन को बदल सकती है। आशावादी रहें और संभावनाओं की तलाश करें, न कि बाधाओं की।”
Sadhuvani
An egoistic person listens half to any subject… understands half of what he hears… thinks half of what he understands… but reacts fourfold… When you have wealth, youth, health, then You forget the world, and when you no longer have all this, the world forgets you…
Doubt is such a weed, which grows day by day and becomes a huge tree and this doubt takes a person from worry to pyre… Never think that your relatives believe you to be right, by pretending to believe that they are right, they are making you wrong. Always try to fix it.
The world doesn’t understand or know how to conquer you, it just explains to you… When the hunger in the stomach is satisfied, when all the hopes of the mind are fulfilled, then man peeps into the houses of others… He never notices the goodness of others. He doesn’t see, keeps criticizing others and keeps serving others’ good qualities to a third person by turning them into bad things in his words…
Sadhuvani means speech or speech related to the teachings or words of sages or saints. It is based on spiritual knowledge, moral values, deeper truths of life, and religious or spiritual guidance. Sadhuvani usually includes topics such as positive outlook towards life, compassion, love, forgiveness, self-realization, and devotion to God.
Sadhuvani teaches us how to live a peaceful, balanced and religious life, thereby achieving spiritual peace and liberation. It also provides guidance for personal development and welfare of society. Through Sadhuvani, sages and saints share the results of their experiences, meditations, and spiritual research.
Sadhuvani can be presented in a variety of forms, such as sermons, kirtans, hymns, sermons written in scriptures, or even in private dialogue. Its aim is always to promote spiritual awakening, self-improvement and social harmony.
Inspired by Sadhuvani, many people succeed in bringing positive changes in their lives.
Here are some motivational and positive thoughts that can provide hope, inspiration, and guidance in life:
- “Change is an invariable truth of life. Accept it and grow with it, not fight it.”
- “Failure is not the end; it is a step towards success. Every failure teaches you something.”
- “True happiness lies not in external circumstances, but in inner peace.”
- “By showing generosity and compassion in life, you not only help others, but also enrich yourself.”
- “Stay true to yourself. Chase your dreams and be loyal to your beliefs.”
- “Time is life’s most precious gift. Use it wisely.”
- “The journey of self-improvement never ends. Every day is a new opportunity to learn and grow.”
- “Before criticizing others, pay attention to your own conduct. Positive change starts with yourself.”
- “Patience and endurance are the keys to success. Quick success is rare; real progress takes time and effort.”
“Positive thinking can change your life. Be optimistic and look for possibilities, not obstacles.”