दोस्तो यह कहानी भारत के एक छोटे से और अत्यंत खूबसूरत पर्वतीय प्रदेश शिलाग में रहने वाली महिला की है। और शिलांग को अक्सर पूर्व का स्कॉटलैंड कहा जाता था। उस महिला को जब इस बात का पता चला तो समय उसकी आयु 12 वर्ष की थी।
उसके बाद से उसके मन यह हार्दिक इच्छा थी की वह स्कॉटलैंड जाकर घूमना चाहती थी। वह घंटो तक पुस्तको तथा पत्रिकाओं के माध्यम उस स्थान के बारे में जानकारी एकत्रित करने लगी और वहा की तस्वीरों से अनुमान लगाने लगी की स्कॉटलैंड देश कैसा है और वहा पर रहने वाले लोग कैसे है।
उस लड़की ने स्कॉटलैंड का इतिहास भी पड़ा और वहा की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों की जानकारी भी एकत्रित की। स्कॉटलैंड जाने का खर्चा भी ऐसा था कि जो आसानी से व्यय किया जा सकता था। वैसे भी इन सबकी जानकारी किसी पर्यटन पुस्तिका अथवा समाचार पत्र आदि से आसानी से मिल जाती है की स्कॉटलैंड हनीमून के लिए एक अत्यंत खूबसूरत स्थान है।
कुछ दिनों के बाद उसके एक मित्र हैं जो शिलांग घूमने आ रहा है। इसके बाद क्या हुआ, अनुमान लगा सकते हैं? वह लड़का स्कॉटलैंड से आ रहा था! थोड़े ही दिनों में उनके स्कूल की एक टीचर की विदाई की पार्टी थी क्योंकि उसका विवाह होने जा रहा था। वह टीचर विवाह के बाद स्कॉटलैंड में बसने जा रही थी।
दोस्तो कितनी हैरानी की बात, उसने सोच की मुझे अचानक स्कॉटलैंड से जुड़ी बाते ही क्यों सुनने को मिल रही है? कुछ दिनों के बाद अपने जीजा जी को उनके मित्रो के साथ स्कॉटलैंड में बोली जाने वाली इंग्रेजी भाषा के बारे बाते करते हुए सुना। और उनकी बाते सुनकर उस महिला को ऐसा लगा की जैसे वह पूरी तरह से स्कॉटलैंड में चली गई है।
बाद में जब उस महिला की आयु विवाह लायक हो गई तो उसके लिए एक से बढ़कर एक रिश्ते आने लगे। उनमें से अधिकतर रिश्ते स्कॉटलैंड से थे। हालाकि उनमें से किसी पर भी गौर नहीं किया गया किंतु फिर भी ऐसे रिश्तों के प्रस्ताव से उसकी स्कॉटलैंड जाने की इच्छा एक बार फिर से जागने लगी।
आखिर कार उस महिला का विवाह हो गया और वह दिल्ली आकर बस गई। विवाह के एक सप्ताह के पश्चात उसके पति ने उसे हनीमून पर जाने कि खुशखबरी सुनाई और उसे बताया की वे कहा जा रहे हैं- आपने सही अनुमान लगाया, “स्कॉटलैंड”
देश के एक दर्दाराज इलाके में रहने वाली , स्कूल में पढ़ने वाली एक लड़की ने जो सपना देखा था, वह अब पूरा होने जा रहा था। उसने इस बड़े सपने को देखने के लिए कड़े प्रयत्न किए थे, जिसके कारण उसकी यह इच्छा पूरी होने जा रही थी। इस ब्रम्हांड ने भी उससे कहा की “तथास्तु”, यही नहीं उस महिला के कुछ अन्य सपने भी आगे जाकर पूरे हुए।
इनमे से एक अपना था – अपने रुपयों से लाल रंग की खूबसूरत सी कार खरीदना और पाने मनपसंद व्यक्ति से शादी करना। जिस समय वो एक नन्ही लड़की थी , उसे नही पता था की सय्यम किसे कहते है, शायद इसलिए उसने बड़ी से बड़ी इछाओ की कल्पना की।
दोस्तो यदि आपने इस कहानी को ध्यान से पढ़ी हुई होगी , तो आपको पता चल गया होगा की इस महिला ने जाने अंजाने में मन के सभी नियमों का पालन किया था, क्यूंकि जीवन जीने के लिए इसके अलावा कोई और उपाय नहीं होता है। लेकिन दुर्भाग्य से हम लोगो में से अधिकतर लोग इन नियमों को जानते तक नहीं है।