सदा अपनी रसना को रस मये बना दे
श्री राधे श्री राधे श्री राधे जपा ले|
इसी जप से कष्टों का कम भार होगा
इसी जप से पापो का प्र्तिगार होगा
इसी जप से नर तन का शिंगार होगा
इसी जप से तू प्रभु को सवीकार होगा
तू स्वासो की दिन रात माला बना कर
श्री राधे श्री राधे श्री राधे जपा कर|
इसी जप से तू आत्मवालवान होगा
इसी जप से कर्तव्य अज्ञान होगा
इसी जप से संतो में समान होगा
इसी जप से संतुश भगवान होगा
अकेले हीया साथ सब को मिला कर
श्री राधे श्री राधे श्री राधे जपा कर|
ये जब जब तेरे मन को ललचा रहा हो
वो रसिको के रस पंथ पर जा रहा हो
मजा श्री राधे नाम का आ रहा हो
राधे ही राधे हर तरफ छा रहा हो
तो कुछ प्रेम के बिंदु द्रिग से बहा कर
श्री राधे श्री राधे श्री राधे जपा कर||