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श्रीकृष्ण #भक्त

श्रीकृष्ण भक्त और भगवानएक बार एक मोर नंद गांव में श्री कृष्ण को रिझाने के लिए प्रतिदिन भजन गाता था . लेकिन श्रीकृष्ण उसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देते थे . श्री कृष्ण के इस व्यवहार से मोर एक दिन रो पडा़. उसी समय एक मैना उधर से गुजरी. उस मोर से पूछने लगी यह तो श्रीकृष्ण का द्वार है यहां क्यों रो रहे हो? मोर मैना को बताता है श्री कृष्ण को रिझाने के लिए एक साल से प्रतिदिन यहां भजन गाता हूं. लेकिन श्री कृष्ण मेरी ओर ध्यान ही नहीं देते .मैना कहती है अगर श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त करनी है तो मेरे साथ राधा रानी के द्वार बरसाने चलो. मोर ने जैसे ही बरसाने जाकर श्री कृष्ण का भजन गाना शुरू किया राधा रानी दौड़ी आई और उसे गले लगा लिया. मोर ने सारा प्रसंग #राधारानी से सुनाया. राधा रानी कहने लगी तुमने जो एक साल से श्रीकृष्ण को रिझाने की कोशिश की है उसी का फल अब तुम्हें मिलेगा अब तुम जाकर श्रीकृष्ण को कुछ और सुनाना. मोर ने कहा मैंने अपनी करुणा के बारे में बहुत कुछ सुना था आज देख भी लिया.अगले दिन मोर नंद गांव में जाकर #राधानामकीमहिमा के गीत गाने लगा. श्री कृष्ण उसी समय दौड़ कर आए और उसे गले से लगा लिया. मोर कहने लगा अरे छलिया एक साल से तुझे रिझाने की कोशिश कर रहा हूं .लेकिन तूने कभी ध्यान नहीं दिया .अब जब श्री राधा रानी की कृपा प्राप्त हुई तो आकर मुझे गले से लगा लिया.श्री कृष्ण कहते हैं कि किसी के मुख से ” रा”अक्षर सुनते ही मैं उसे भक्ति प्रदान करता हूं और “धा” अक्षर सुनते ही राधा रानी का नाम सुनने के लालसा में उसके पीछे-पीछे चला जाता हूं. श्री कृष्ण ने उस दिन मोर को वचन दिया कि मैं आज से तेरे मोर पंख को अपने सिर पर धारण करूंगा.राधा रानी के बिना श्री कृष्ण की पूजा अर्चना अधूरी मानी जाती है. ऐसा माना जाता है कि राधा रानी की कृपा प्राप्त होने पर श्री कृष्ण की कृपा स्वत: प्राप्त हो जाती है. जय श्री राधे कृष्णा

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