मेरै लगी कालजे चोट किशोरी राधा की
गयी मार नशीली चाल रै गोरी राधा की
तकदीरो के सौदे पर है दिल के सौदे भारी
गावल गुजरिया जाने अपनी राधा है मतवारी
सरे ब्रज मैं चर्चा होरी राधा की
नशा प्रेम का ऐसा ऊधो नहीं उतरता चढ़के
जित देखु उत राधा दिखे प्रेम का अक्षर पढ़के
अब ना छूटे प्रेम की डोरी राधा की
राधा की अभिलाषा है ना मांगू माखन मिश्री
कमल सिंह नन्द बाबा बिसरे मैया यशोदा बिसरी
खूब जमेगी जोड़ी मोरी राधा की……….