अपनी चुनर रंग धारी मोरे श्याम के रंग में
श्याम के रंग में श्याम रंग में
अपनी चुनर रंग धारी मोरे श्याम के रंग में
श्याम की मैं हु श्याम है मेरे
चैन है वो आराम मेरे
तन मन धन सब उस पे वारु राहो में बेह के राह निहारु
सब कुछ अपने में हारी
श्याम के रंग में श्याम रंग में
चैन चुराए नींद उडाये
यमुना किनारे बंसी भ्जाये
मैं प्यासी हु यमुना तट वो सब सखियाँ सब रास रचाए
सुध बुध आपने हारी
श्याम के रंग में श्याम रंग में…………..