मेरे श्याम ओ मेरे श्याम मेरे श्याम ओ मेरे श्याम
श्याम की दीवानी मीरा रानी हुई
मेहलो को छोड़ दिया चुप के से योग लिया
श्याम की दीवानी मीरा रानी हुई
मेहलो को छोड़ दिया चुप के से योग लिया
मीरा जोगन जग से दीवानी हुई
श्याम की दीवानी मीरा रानी हुई…….
हरी धुन में मगन मीरा गाने लगी संवारे को मन में वो वसाने लगी
मन में मोहन की मूरत वो सजाने लगी गीत गिरधर के हर दम वो तो गाने लगी
दूर मशहुर फिर तो मीरा की वाणी हुई
श्याम की दीवानी मीरा रानी हुई…….
मुस्कुराते हुए विष का प्याला पिया प्रेम भगती ने विष को अमिरत है कर दिया
जो देते थे ताना वो राणा भी आज मीरा की भगतो को ताकता रेह गया
सभा सारी वाहा पानी पानी हु
श्याम की दीवानी मीरा रानी हुई…………