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पिछले तीस साल से…

old man orphan story
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एक बेटा अपने बूढ़े पिता को वृद्धाश्रम एवं अनाथालय में छोड़कर वापस लौट रहा था;

उसकी पत्नी ने उसे यह सुनिश्चत करने के लिए फोन किया कि पिता त्योहार वगैरहा की छुट्टी में भी वहीं रहें,
घर ना चले आया करें !

बेटा पलट के गया तो पाया कि उसके पिता वृद्धाश्रम के प्रमुख के साथ ऐसे घुलमिल कर बात कर रहे हैं जैसे बहुत पुराने और प्रगाढ़ सम्बंध हों…

तभी उसके पिता अपने कमरे की व्यवस्था देखने के लिए वहाँ से चले गए……

अपनी उत्सुकता शांत करने के लिए बेटे ने अनाथालय प्रमुख से पूँछ ही लिया……

“आप मेरे पिता को कब से जानते हैं ? ”

मुस्कुराते हुए वृद्धाश्रम के प्रमुख ने जवाब दिया…

“पिछले तीस साल से…
जब वो हमारे पास से एक
को गोद लेने आए थे! ”

in English

A son to his elderly father was returning from an old age home and orphanage;

His wife called him to ensure that there be a father festival holiday Vgarha,
To come home right away!

The son found his father’s back with the head of the inmates are talking such as mixes are very old and close relations …

His father moved there to arrange your room ……

To satisfy their curiosity leading orphanage son taken from tail ……

“When you know my father?”

The chief replied, smiling lodging …

“Over the last thirty years …
When he came to us to adopt an orphan child! “

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