बाबा अमरनाथ बर्फानी, योगिराज दया के दानी |
भूखे को है भोजन देते और प्यासे को पानी ||
बाबा अमरनाथ की जय, बोलो शिव शंकर की जय ||
भक्तो के मन बसने वाले ये तो सब के स्वामी है |
मन चाहा फल देने वाले शंभू अंतरयामी है |
महादेव के दर्शन कर के, संवर जाये जिंदगानी ||
दया धरम के है यह दाता सारा ही संसार कहे |
जिधर दया की दृष्टि उधर कमी न कोई रहे |
हाथ है इसके लाज हमारी, यश लाभ और हानि ||
प्रभु नाम के हीरे मोती हर पल सदा लुटाते हैं |
अपने संतो भक्तो के संकट यह आप मिटाते हैं |
भोले नाथ की शक्ति है जी, जाने दुनिया फानी ||