Breaking News

एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी की जीवन कहानी

श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी इनका बचपन का नाम मदुरै शनमुखावदिवु सुब्बुलक्ष्मी का जन्म 16 सितंबर 1916 को तमिलनाडु के मदुरै शहर, मद्रास प्रेसीडेंसी , ब्रिटिश भारत में हुआ। आप ने छोटी आयु से संगीत का शिक्षण आरंभ किया और दस साल की उम्र में ही अपना पहला डिस्क रिकॉर्ड किया। इसके बाद आपनी मा शेम्मंगुडी श्रीनिवास अय्यर से कर्णाटक संगीत में, तथा पंडित नारायणराव व्यास से हिंदुस्तानी संगीत में उच्च शिक्षा प्राप्त की। आपने सत्रह साल की आयु में चेन्नई ही विख्यात ‘म्यूज़िक अकाडमी’ में संगीत कार्यक्रम पेश किया। इसके बाद आपने मलयालम से लेकर पंजाबी तक भारत की अनेक भाषाओं में गीत रिकॉर्ड किये।

श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी ने कई फ़िल्मों में भी अभिनय किया। इनमें सबसे यादगार है 1945 के मीरा फ़िल्म में आपकी मुख्य भूमिका। यह फ़िल्म तमिल तथा हिन्दी में बनाई गई थी और इसमें आपने कई प्रसिद्ध मीरा भजन गाए।

अनेक मशहूर संगीतकारों ने श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी की कला की तारीफ़ की है। लता मंगेशकर ने आपको ‘तपस्विनी’ कहा, उस्ताद बडे ग़ुलाम अली ख़ां ने आपको ‘सुस्वरलक्ष्मी‘ पुकारा, तथा किशोरी आमोनकर ने आपको ‘आठ्वां सुर’ कहा, जो संगीत के सात सुरों से ऊंचा है। भारत के कई माननीय नेता, जैसे महात्मा गांधी और पंडित नेहरु भी आपके संगीत के प्रशंसक थे। एक अवसर पर महात्मा गांधी ने कहा कि अगर श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी ‘हरि, तुम हरो जन की भीर’ इस मीरा भजन को गाने के बजाय बोल भी दें, तब भी उनको वह भजन किसी और के गाने से अधिक सुरीला लगेगा। एम.एस.सुब्बालक्ष्मी को कला क्षेत्र में पद्म भूषण से 1954 में सम्मानित किया गया।

संयुक्त राष्ट्र संघ में आप पहली भारतीय हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nation) की सभा में संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया, तथा आप पहली स्त्री हैं जिनको कर्णाटक संगीत का सर्वोत्तम पुरस्कार, संगीत कलानिधि प्राप्त हुआ। 1998 में आपको भारत का सर्वोत्तम नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न प्रदान किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ सुब्बुलक्ष्मी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में, एक डाक टिकट जारी किया!

1954 में पद्मभूषण
1956 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
1968 में संगीत कलानिधि
1974 में मैग्सेसे एवॉर्ड
1975 में पद्म-विभूषण
1988 में कालीदास सम्मान
1990 में इंदिरा गांधी एवॉर्ड

1998 में भारत रत्न मिला।
भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली संगीतज्ञ!

श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी के प्रसिद्ध हस्ताक्षर :-

श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी के प्रसिद्ध Kurai Ondrum Illai:-

पल्लवी:- कुरई ओन्रूम इलै मरैमुर्ति कन्ना कुराई ओन्रूम इलै कन्ना कुराई ओन्रम इलै गोविंदा ||

अनुपल्लवी:- कन्नुक्कु तेरियामल निरक्किनराय कन्ना कन्नुक्कु तेरियामल निनरालुम एनक्कु
कुरई ओन्रूम इलै मरैमूर्ति कन्ना ||

चरणम् 1:- वेंदियादई तंदीदा वेंकटेसन एनरिरुक्का वेंदियाडु वेरिल्लई मरैमूर्ति कन्ना मणिवन्ना मलयप्पा गोविंदा गोविंदा || चरणम् 2:- तिरैयिन पिन निरकिंरै कन्ना उन्नै मरै ओडुम ज्ञानीयर मट्टुमे कान पार कुरई ओन्रम एनक्किल्लई कन्ना एनरलुम कुरई ओन्रम एनक्किल्लई ||

चरणम् 3:- कुन्रिन मेल कल्लअगी निरकिंरा वरदा कुरई ओन्रूम इलै मरैमूर्ति कन्ना कुरई ओन्रूम इल्लै मरै मूर्ति कन्नमनिवाण मलयप्पा गोविंदा गोविंदा राग ||

चरणम् 4:- यदुम मरुक्कडा मलयप्पा अन मार्बिल एदुम तारा निरक्कुम करुनै कदलननै एनरम इरुंडीदा एडु कुरई एनक्कु ओनरूम कुरई इलै मरैमूर्ति कन्ना मणिवन्ना मलयप्पा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा ||

श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का देहांत 11 दिसंबर 2004 (आयु 88) चेन्नई , तमिलनाडु में हुआ!

Check Also

prewedding

सेक्स और रिलेशनशिप

सेक्स और रिलेशनशिप के विषय में आज की पीढ़ी से संवाद करना समुद्र मंथन करने …