Breaking News

मूर्ख कौवों की कहानी – जातक कथाएँ !!

वर्षों पहले एक समुद्र में एक नर और एक मादा कौवा मदमस्त हो कर जल-क्रीड़ा कर रहे थे। तभी समुद्र की एक लौटती लहर में कौवी बह गयी, जिसे समुद्र की किसी मछली ने निगल लिया। नर कौवे को इससे बहुत दु:ख हुआ। वह चिल्ला-चिल्ला कर विलाप करने लगा।  
पल भर में सैकड़ों कौवे भी वहाँ आ पहुँचे। जब अन्य कौवों ने उस दु:खद घटना को सुना तो वे भी जोर-जोर से काँव-काँव करने लगे। 
तभी उन कौवों में एक ने कहा कि कौवे ऐसा विलाप क्यों करे ; वे तो समुद्र से भी ज्यादा शक्तिशाली हैं। क्यों न वे अपनी चोंच से समुद्र के पानी को उठा कर दूर फेंक दें।

सारे कौवों ने इस बात को समुचित जाना और अपनी-अपनी चोंचों के समुद्र का पानी भर दूर तट पर छोड़ने लगे। साथ ही वे कौवी की प्रशंसा भी करते जाते।
एक कहता,” कौवी कितनी सुंदर थी।”
दूसरा कहता, “कौवी की आवाज कितनी मीठी थी।”
तीसरा कहता, “समुद्र की हिम्मत कैसे हुई कि वह उसे बहा ले जाय”।

फिर कोई कहता, “हम लोग समुद्र को सबक सिखला कर ही रहेंगे।”
कौवों की बकवास समुद्र-देव को बिल्कुल रास न आयी और उसने एक शक्तिशाली लहर में सभी कौवों को बहा दिया।

Check Also

babu-kunwar-singh

बाबू वीर कुंवर सिंह

यदि हमें पिछले 200-250 वर्षों में हुए विश्व के 10 सर्वश्रेष्ठ योद्धाओं की सूची बनाने को कहा जाए तो हम अपनी सूची में पहला नाम बाबू वीर कुंवर..