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सूर्य और हवा

एक समय की बात है… सूर्य और हवा में बहस छिड़ गई कि कौन अधिक बलवान है। हवा अपने आपको बलशाली बता रही थी पर सूर्य उसे बड़ा नहीं मान रहा था। मामला उलझता ही जा रहा था।

तभी उन्हें सामने से एक यात्री आता दिखाई दिया। यात्री को देखकर हवा को एक युक्ति सूझी। उसने सूर्य से कहा, “देखो, एक यात्री आ रहा है। हममें से जो भी उसकी चादर उतरवा देगा वही बलशाली होगा। तुम बादलों की ओट में हो जाओ।”

सूर्य बादलों के पीछे छिप गया। हवा जोर से चलने लगी। हवा की गति जितनी बढ़ती यात्री उतनी ही तेजी से अपनी चादर को पकड़ लेता ताकि ठंड से बचा रहे। जोर लगा-लगा कर हवा थक गई, हार गई पर किसी भी प्रकार वह यात्री की चादर नहीं उतरवा पाई। अंततः वह शांत हो गई।

अब सूर्य की बारी आई। वह बादलों के पीछे से निकलकर चमकने लगा। तेज गर्मी से परेशान होकर यात्री ने अपनी चादर उतार दी। हवा ने अपनी हार मान ली और सूर्य विजयी हुआ।

शिक्षा : कभी भी अपनी ताकत और योग्यता पर घमंड नहीं करना चाहिए।

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