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सुन बरसाने की छोरी

सुन बरसाने की छोरी हम मिलके खेले होली
सुन नन्द गाव के छोरे अब घनी लेट मैं हो रही
सुन बरसाने की छोरी हम मिलके खेले होली…..

थोड़ो सो राधा रंग ढलवा रे,
थोड़ो सो गुलाल लग वा ले
सावन का मस्त महीना हम मिल के खेले होली
सुन बरसाने की छोरी हम मिलके खेले होली….

नये नये मोल नइ चुनरियाँ ठेहर के आई प्यारी डगरिया,
सुन नन्द गाव के छोरे मो से मत कर तू बार जोरी
सुन बरसाने की छोरी हम मिलके खेले होली…….

कान्हा बंसी मधुर बजावे
बंसी धुन पे मने नचावे
तेरी बंसी की धुन सुन के मैं सुध बुध अपनी खो दी
सुन बरसाने की छोरी हम मिलके खेले होली……..

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