स्वास स्वास में श्याम बसा ले,
रग रग में राधा श्री हरिदास रट्टे जा वन्वारे कट जायेगी वाधा,
चार धाम तू घुमले प्यारे फिर वृन्दावन आना
ब्रिज भूमि में आके वन्वारे ब्रिज रज शीश लगाना
अमृत मये है नाम लाडली,
पी ले ज्यादा ज्यादा
श्री हरिदास रट्टे जा वन्वारे कट जायेगी वाधा,
बरसाने की बेटी राधे वृंदावन की रानी
ब्रिज मंडल में हुकम चले श्री वृंदावन रज धानी
इनके दर पे पानी भरते राजा और महाराजा
श्री हरिदास रट्टे जा वन्वारे कट जायेगी वाधा,
जिस ने भी राधे को धयाया श्याम ने दोड लगाइ ,
बीच भवर से नैया उसकी कर गए पार कन्हाई
भव सागर में राधे नाम का मिले तुझे फयदा
श्री हरिदास रट्टे जा वन्वारे कट जायेगी वाधा,
राधे राधे रट ले रविंदर सब वाधा कट जाए
कोटी जन्म की सकल आपदा नाम लिए से जाए
हरी हरे सब के सब संकट है पक्का वयदा
श्री हरिदास रट्टे जा वन्वारे कट जायेगी वाधा…………