आओ मनमोहना, आओ नंदनंदनागोपियों के प्रंधूं, राधाजी के रमना—2 लालन एक विनय सुनिए-2अब मेरी गलियाँ करके,हँसत टर सुनाए गाईएनागाइए तो आधारो धरके,मुरली, यह मंद बजाईएनासराईए ना अर प्रेम विरह——-2पुनी आइए टीवी, फिर जाइएनाआओ मनमोहना– —————— कजरारी तेरी आँखों मई,मेरे श्याम, मेरे कनहीा ——-2कजरारी तेरी आँखों मई,क्या भरा हुया कुछ टोना है——-2तेरा तो हसन, औरो का मारन —–2बस जान-हाथ से धोना …
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