कितना प्यारा दरबार सजा हैकितना सौणा दरबार सजा हैजी करे देखता रहूतू है दाता तू है दानी तू है लखदातारीतेरे दर पर बाबा मेरी मिटती विपदा सारीकितना प्यारा दरबार सजा हैजी करे देखता रहू फूलों के गजरों से सजी हुई झाँकीकानो में कुण्डल है तेरी अदा बांकिसाँवल सा मुखड़ा है चितवन है प्यारीदेख तेरे रुप को में जाऊं बलिहारीकितना सुन्दर …
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