तोरा मन दर्पण केहलाये,भले बुरे सारे कर्मो को देखे और दिखाए,तोरा मन दर्पण केहलाये, मन ही देवता मन ही इश्वर मन से बड़ा न कोये,मन उजियारा जब जब फैले जग उजियारा होए,इस उजले दर्पण पर प्राणी धुल न जमने पाए,तोरा मन दर्पण केहलाये, सुख की कलियाँ दुःख के कांटे मन सब का आधार,मन से कोई बात छुपे न मन के …
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