मेंरी नैनं में श्याम समाये गयो रीमोहे प्रेम का रोग लगाये गयो री, लुट जाउंगी श्याम तेरी लटकन पेविक जाउंगी श्याम तेरी मटकन पे वो तो मधुर मधुर मुस्काये गयो रेमोहे प्रेम का रोग लगाये गयो री, मर जाउंगी श्याम तोरे अधरं पेवारि जाउंगी श्याम तोरे नैनं पे वो तो तिर्शी नजरियाँ चलाए गयो री,मोहे प्रेम का रोग लगाये गयो …
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