नंदगाँव से होली खेलने , आयो माखनचोर,वो होरी में , मोहे रंग गयो नंदकिशोर,अरी वो होरी में , मोहे रंग गयो नंदकिशोर, रंग बिरंगी भर के मारी पिचकारी,रंग दी कन्हिया ने मेरी रेशमी सारी,मोह पे मलो गुलाल , चलो ना मेरो कोई जोर,अरी वो होरी में , मोहे रंग गयो नंदकिशोर……. बोले यू कान्हा तोसे , खेलू गा होरी,चले गी …
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