सुन बरसाने की छोरी हम मिलके खेले होलीसुन नन्द गाव के छोरे अब घनी लेट मैं हो रहीसुन बरसाने की छोरी हम मिलके खेले होली….. थोड़ो सो राधा रंग ढलवा रे,थोड़ो सो गुलाल लग वा लेसावन का मस्त महीना हम मिल के खेले होलीसुन बरसाने की छोरी हम मिलके खेले होली…. नये नये मोल नइ चुनरियाँ ठेहर के आई प्यारी …
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