दीपेश एक राजपत्रित अधिकारी का इकलौता बेटा था... नौकर चाकर ,गाड़ी ,बंगला सभी सुविधाएं प्राप्त थीं ...दीपेश के पिता एक ईमानदार, सरल हृदय अधिकारी थे...इसके विपरीत दीपेश एक घमंडी इंसान था जो अपने पिता के पद के घमंड में रहता था। वह किसी से सीधे मुंह बात नहीं करता था
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श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित
lord-hanuman हम सब हनुमान चालीसा पढते हैं, सब रटा रटाया। क्या हमे चालीसा पढते समय पता भी होता है कि हम हनुमानजी से क्या कह रहे हैं या क्या मांग रहे हैं? बस रटा रटाया बोलते जाते हैं। आनंद और फल शायद तभी मिलेगा जब हमें इसका मतलब भी पता हो। तो लीजिए पेश है श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित!! …
Read More »हार की जीत
माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवद्-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे इलाके में न था। बाबा भारती उसे ‘सुल्तान’ कह कर पुकारते, अपने …
Read More »अपने प्यार को पहचानिए। उसके साथ समय बिताइए (Identify your love. Spend time with them)
कल मैं दुकान से जल्दी घर चला आया। आम तौर पर रात में 10 बजे के बाद आता हूं, कल 8 बजे ही चला आया। सोचा था घर जाकर थोड़ी देर पत्नी से बातें करूंगा, फिर कहूंगा कि कहीं बाहर खाना खाने चलते हैं। बहुत साल पहले, , हम ऐसा करते थे। घर आया तो पत्नी टीवी देख रही थी। …
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